Tributes/Feelings
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भावभीनी श्रद्धांजली. ०१.०५.२१
स्वर्गीय राम किशोर सिन्हा.
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मैं कल्पना भी नहीं कर सकता हूं कि तुम अब इस दुनियां में नहीं रहे। मेरी बात २४ - २५ अप्रैल को तुमसे व्हाट्सएप पर हुई थी थोड़ी सी । तुमने ओशो , बुद्ध की बात की भी थी और कदाचित आसन्न मृत्यु को स्वीकार भी कर लिया था। यह भी कहा था अगले महीने जुदा हो जाऊंगा। और १ मई २०२१ को रुखसत हो भी गए। हमारी तमाम उम्मीद कोरी व झूठी साबित हो गयी कि कोई करिश्मा हो सकता है , तुम ठीक हो जाओगे ,खतरे से बाहिर निकल जाओंगे ,लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अपने से उम्र में काफ़ी छोटे भाई को खोना, अत्यंत दुःखद है ,मार्मिक है। मैंने सर्वाधिक समय तुम्हारे साथ बिताये थे ... इसलिए मुझे ही वो क्षण ..निरंतर रह रह कर याद आ रहे हैं। सोचता हूं ,काश तुम और भी सचेत हो गए होते, तुमने और भी सावधानी बरती होती ,मेरे भाई ....यदि वक़्त पर सही इलाज़ हो गया होता ..... तो शायद तुम हमलोग के साथ साथ होते।
समस्त शोकाकुल परिवार,
बिहारशरीफ़.
दिनांक : - ०१.०५.२१
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भावभीनी श्रद्धांजली. १९ .०४ .२१
स्वर्गीय सुशील कुमार सिन्हा.
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आप हम सबों के मध्य दुनियां वालों के समक्ष सदैव अपने स्पष्टवादी विचारधारा,उच्च संस्कारों,
सम्यक कर्म,अपनी सम्यक सोच व सम्यक दृष्टि के लिए याद किए जायेंगे। आप अत्यंत अल्पभाषी ,स्वाभिमानी किस्म के पृथक व्यक्ति थे ,आपने कभी किसी से कुछ माँगा नहीं सदैव दूसरों को दिया ही। आप जैसे गाँधी वादी विचार धारा के लोग अब कहाँ रहते हैं ।
समस्त शोकाकुल परिवार,
बिहारशरीफ़.
दिनांक : - १९ .०४ .२१
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भावभीनी श्रद्धांजली. ५.९.२०२०
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण.
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प्रथम दिवस.
महा परिनिर्वाण का.
भावभीनी श्रद्धांजली श्रद्धेय को.
महा परिनिर्वाण का.
भावभीनी श्रद्धांजली श्रद्धेय को.
आप हम सबों के मध्य सदैव अपने सम्यक कर्म,अपनी सम्यक सोच व सम्यक दृष्टि के लिए
याद किए जायेंगे। गाँधी वादी विचार धारा के लोग अब कहाँ रहें। '
समस्त शोकाकुल परिवार,
बिहारशरीफ़.
नरेश प्रसाद कर्ण २३.८.४० -५.९.२०२० |
दिनांक ५.९.२०२०
आश्विन कृष्ण पक्ष ३.
First day.
A heart felt tribute.
You will be always amongst us and will be remembered for your right deeds, your right thinking and right vision. Hard to find people who believe and follow the path of Gandhiji.
Deep distressed, and in a profound grief
All Family members.
Bihar Sharif.
Date 5.9.2020.
translation : Meera.USA
आश्विन कृष्ण पक्ष ३.
First day.
A heart felt tribute.
You will be always amongst us and will be remembered for your right deeds, your right thinking and right vision. Hard to find people who believe and follow the path of Gandhiji.
Deep distressed, and in a profound grief
All Family members.
Bihar Sharif.
Date 5.9.2020.
translation : Meera.USA
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण २३.८.४० - ५.९.२०२० |
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
'मेरा शत शत नमन है, आपको.आप एक अत्यंत अनुशासित ,जीवंत और संवेदनशील व्यक्ति रहें.
मैंने कभी आपके जीवन शैली में भगवान राम को भी कमो वेश उतरते हुए देखा है .
यह सच है,आपको न भूल पाएंगे हम.'
दिनांक : ६.९.२०२०.
आश्विन कृष्ण पक्ष ४.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
'मेरा शत शत नमन है, आपको.आप एक अत्यंत अनुशासित ,जीवंत और संवेदनशील व्यक्ति रहें.
मैंने कभी आपके जीवन शैली में भगवान राम को भी कमो वेश उतरते हुए देखा है .
यह सच है,आपको न भूल पाएंगे हम.'
दिनांक : ६.९.२०२०.
आश्विन कृष्ण पक्ष ४.
Second Day
A passionate tribute
The body is mortal, memories remain immortal.
My heart felt salutations to you. In your life time you were always the most disciplined, lively and caring person.This is true, you will be always remain within us.
Date : 5.9.2020.
translation : Meera.USA
translation : Meera.USA
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण २३.८.४० - ५.९.२०२० |
तीसरा दिवस.
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
भरत जैसे भाई सदृश्य ,आप एक निर्लिप्त साधु की भांति थे एक हंसमुख इंसान, जिसे कभी भी संसारिक सुख समृद्धि अपनी ओर सर्वदा आकृष्ट नहीं कर सकी.मैंने ऐसे कई एक प्रमाण,देखा है सुना है,तथा पाया भी है.आप मेरी स्मृति में शेष हैं अमिट हैं ।
दिनांक : ७.९.२०२०
आश्विन कृष्ण पक्ष ५.
Third day.
The body is mortal, memories immortal.
You were a brother like Bharat, a cheerful human being,a saint who has never been attracted by worldly happiness and prosperity.I have ever seen, heard and found many such proofs.You will forever remain in my memories.
Date 7.9.2020.
translation : Meera.USA
चौथा दिवस.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
भरत जैसे भाई सदृश्य ,आप एक निर्लिप्त साधु की भांति थे एक हंसमुख इंसान, जिसे कभी भी संसारिक सुख समृद्धि अपनी ओर सर्वदा आकृष्ट नहीं कर सकी.मैंने ऐसे कई एक प्रमाण,देखा है सुना है,तथा पाया भी है.आप मेरी स्मृति में शेष हैं अमिट हैं ।
दिनांक : ७.९.२०२०
आश्विन कृष्ण पक्ष ५.
Third day.
The body is mortal, memories immortal.
You were a brother like Bharat, a cheerful human being,a saint who has never been attracted by worldly happiness and prosperity.I have ever seen, heard and found many such proofs.You will forever remain in my memories.
Date 7.9.2020.
translation : Meera.USA
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण २३.८.१९४० -५.९.२०२० |
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
आप सदैव दूसरों की सेवा के लिए तत्पर रहें जब भी ज़रूरत रही उस वक़्त आप उनकी सहायता के लिए क्रियाशील दिखे . अपनी भारतीय सभ्यता ,संस्कृति के प्रति आपका गहरा लगाव तब दिखा था जब मैंने आपसे कभी अमेरिका प्रवास से लौटने के बाद पूछा था ,'आपको कहाँ रहना अच्छा लगता है ? ' हँसते हुए आपका सरल जवाब था, '...सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा ..एक शुद्ध भारतीय ह्रदय को मेरा हर बार प्रणाम,मैंने इसतरह कई बार पूरब को पश्चिम में उगते हुए देखा है ।
दिनांक : ८.९.२०२०
आश्विन कृष्ण पक्ष ६.
4’th Day.
Tribute arousing emotion.
The body is mortal, memories immortal.
4’th Day.
Tribute arousing emotion.
The body is mortal, memories immortal.
You were always ready and eager to serve the needy.
Your deep affection for our Indian civilization, culture was shown when I asked you once after returning from America, 'Where do you like to live? 'Your simple answer was' ...Saare jahan se achchha Hindustan humara... My salutations to a pure Indian heart.
Date : 8.9.2020.
translation : Meera.USA
translation : Meera.USA
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण २३.८.४० - ५.९.२०२० |
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
आप एक मुक़म्मल इंसान रहें हैं. इस क्षणभंगुर जीवन के विस्तार में आपने एक अच्छे पुत्र,पिता,पति,अभिभावक एवं दोस्त की सही,स्वाभाविक,आदर्श भूमिका निभाई । आप साई के अनुयायी और भक्त रहें ,इसलिए कुछ पंक्तियाँ हैं...... आपके जीवन भावों को दर्शाने के लिए
'...गर किसी की शिकायत बची है हम से
तो शिकायत करो मुझसे.
पूरे ज़माने की शिकायत तो मैं सुन न सका ख़ुदा,
इल्तिज़ा थी,गर मिल जाते जिंदगी के दो दिन और भी
तो शायद,कोई और भी,
ग़मज़दा न होता इस जहां में हमीं से....
आप एक मुक़म्मल इंसान रहें हैं. इस क्षणभंगुर जीवन के विस्तार में आपने एक अच्छे पुत्र,पिता,पति,अभिभावक एवं दोस्त की सही,स्वाभाविक,आदर्श भूमिका निभाई । आप साई के अनुयायी और भक्त रहें ,इसलिए कुछ पंक्तियाँ हैं...... आपके जीवन भावों को दर्शाने के लिए
'...गर किसी की शिकायत बची है हम से
तो शिकायत करो मुझसे.
पूरे ज़माने की शिकायत तो मैं सुन न सका ख़ुदा,
इल्तिज़ा थी,गर मिल जाते जिंदगी के दो दिन और भी
तो शायद,कोई और भी,
ग़मज़दा न होता इस जहां में हमीं से....
दिनांक : ९.९.२०२०
आश्विन कृष्ण पक्ष ७ .
Fifth day
A tribute of sentiment.
The body is mortal, memories never die.
You have been a successful individual. In the span of this momentary life, you played the perfect, natural and ideal role of a good son, father, husband, guardian and friend. You have been a follower and devotee of Sai, so there are some lines to depict and reflect your life.
'If you have any complaints from
me, then complain to me.
I could not hear the complaints of the whole world, O God!!
My earnest request...if you gave me just two more days of life, I would try to eliminate sufferings from each and every living being.
translation : Richa.USA
Fifth day
A tribute of sentiment.
The body is mortal, memories never die.
You have been a successful individual. In the span of this momentary life, you played the perfect, natural and ideal role of a good son, father, husband, guardian and friend. You have been a follower and devotee of Sai, so there are some lines to depict and reflect your life.
'If you have any complaints from
me, then complain to me.
I could not hear the complaints of the whole world, O God!!
My earnest request...if you gave me just two more days of life, I would try to eliminate sufferings from each and every living being.
translation : Richa.USA
स्वर्गीय नरेश प्रसाद कर्ण २३.८.४० -५.९.२०२० |
भावभीनी श्रद्धांजली का.
शरीर नश्वर है,यादें कभी मरती नहीं हैं.
.....हम जीते हैं क्योंकि हमें जीना है। आम प्रचलन या कहें सामान्य अर्थों में जीना इसी का नाम है। लेकिन इस अनमोल जीवन में हम कुछ ऐसा विशेष करें कि जाने के बाद भी कुछ शेष रह जाएं। कुछ इस तरह प्रयासरत रहें कि कृति ,और कीर्ति बनी रहें। जीवन के उद्देश्य,ज्ञान प्राप्त करने,चिर स्थायी होने,का सही मार्ग वही है जिसे बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग में तथा सम्राट अशोक ने सही धर्म की व्याख्या कल्याणकारी कार्यों के करने में की है । कोशिश हो कि व्यवहार,आचरण में कर्मठता,शुद्धता तथा,कोमलता हो,
.....आपने सर्वथा यही कोशिश की,और इस उम्मीद में कि आप इतिहास बन जाएं यह कामना है मेरी । आपकी अच्छाइयों को ग्रहण करू इस आशीर्वाद के लिए आकांक्षी हूँ मैं ।
डॉ.मधुप रमण
.....हम जीते हैं क्योंकि हमें जीना है। आम प्रचलन या कहें सामान्य अर्थों में जीना इसी का नाम है। लेकिन इस अनमोल जीवन में हम कुछ ऐसा विशेष करें कि जाने के बाद भी कुछ शेष रह जाएं। कुछ इस तरह प्रयासरत रहें कि कृति ,और कीर्ति बनी रहें। जीवन के उद्देश्य,ज्ञान प्राप्त करने,चिर स्थायी होने,का सही मार्ग वही है जिसे बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग में तथा सम्राट अशोक ने सही धर्म की व्याख्या कल्याणकारी कार्यों के करने में की है । कोशिश हो कि व्यवहार,आचरण में कर्मठता,शुद्धता तथा,कोमलता हो,
.....आपने सर्वथा यही कोशिश की,और इस उम्मीद में कि आप इतिहास बन जाएं यह कामना है मेरी । आपकी अच्छाइयों को ग्रहण करू इस आशीर्वाद के लिए आकांक्षी हूँ मैं ।
डॉ.मधुप रमण
दिनांक : १०.९.२०२०
आश्विन कृष्ण पक्ष ८
Sixth day
The body is mortal, memories never die.
We live as we have to live.Commonly we stand for living such a life.But life is not such,in this precious life, we should do something very exclusive that even after we leave this mortal world, the memories of how we have touched people around us should remain. Bhagwan Budha has explained the right path to the purpose of life,to attain enlightenment and to be lasting forever in Ashtangik Marg and the emperor Ashoka has interpreted the religion truly and implemented it in welfare work.
You lived such a life,hope with wishes that you will be a History. And I would like to get your blessings to be inspired to follow the path of righteousness.
Date : 10.9.2020
Dr.Madhup Raman
translation : Rama.USA
Sixth day
The body is mortal, memories never die.
We live as we have to live.Commonly we stand for living such a life.But life is not such,in this precious life, we should do something very exclusive that even after we leave this mortal world, the memories of how we have touched people around us should remain. Bhagwan Budha has explained the right path to the purpose of life,to attain enlightenment and to be lasting forever in Ashtangik Marg and the emperor Ashoka has interpreted the religion truly and implemented it in welfare work.
You lived such a life,hope with wishes that you will be a History. And I would like to get your blessings to be inspired to follow the path of righteousness.
Date : 10.9.2020
Dr.Madhup Raman
translation : Rama.USA
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Sat sat naman ha
ReplyDeleteभाई साहेब जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
ReplyDelete����
ReplyDelete����RIP
ReplyDeleteBabuji , your life is an example for all of us to follow.
ReplyDeleteEquanimity at times of crisis and joy is something all of us struggle with but for you it was so effortless.
We are priviliged to have seen you in person and blessed to have you as our Father.
These words can never be enough to express the deep gratitude all of us have for everything that you have taught us.
Please keep being our guiding light and navigator till the time meet again !!
Sincerely
ram
Babujee, stil hard to believe that you are not with us anymore.
ReplyDeleteYou were a fighter, never complained even when you were in pain.A simple man, lived an happy and content life, always believed everything happens for good and accepted whatever came to you with grace.
You were loved by many. The contact list on your phone was huge and every day you would call 4-5 people from this list. I hope, I can a be good human being like you and can continue your legacy of keeping. connected to all my loved ones.
You were so proud of all our little accopmplishments. We will miss you tremendously!.
Pinky
Bahut sada jeevan rahe
ReplyDeleteHer pal muskurate rahe sada yad aayegi
Sat sat naman hai